रतलाम१५ मार्च (इ खबर टुडे )। शिक्षाविद स्व. भंवरलाल भाटी की अंतिम यात्रा मंगलवार दोपहर 12:30 बजे रामद्वारा से शुरू हुई तथा मार्ग पर उनके शिष्यों तथा शुभचिंतकों ने पुष्पवर्षा कर श्रध्दांजलि अर्पित की। इमरजेंसी के दौरान मीसा बंदी के रूप में साथी रहे महेंद्र नाहर ने नजरबाग में, पैलेस रोड पर उनके शिष्यों ने भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र पाण्डेय ने, डालूमोदी चौराहे, गणेश देवरी तथा चौमुखीपुल पर पार्षदों ने, रामगढ़ में सामाजिक संगठनों ने पुष्पवर्षा कर श्रध्दांजलि अर्पित की। दोपहर डेढ बजे अंतिम यात्रा त्रिवेणी मुक्तिधाम पहुंची जहाँ पुष्पराज राम स्नेही ने उन्हें मुखाग्नि दी।
आडवानी जी ने शोक संवेदना व्यक्त की
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवानी ने मंगलवार को सुबह दिल्ली से फोन कर श्री भाटी के अनुज महंत गोपालदास महाराज से चर्चा की तथा श्री भाटी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की। उल्लेखनीय है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रचारक के रूप में कार्य करते हुए श्री आडवाणी कोटा में श्री भाटी के सहयोगी रहे हैं।
सिर्फ संघ ही नहीं वे सबके मार्गदर्शक थे
त्रिवेणी मुक्तिधाम पर आयोजित शोकसभा में शहर के गणमान्य नागरिकों ने श्रध्दांजलि अर्पित करते हुए श्री भाटी के सिर्फ संघ ही नहीं बल्कि सभी का मार्गदर्शक बताया। प्रो. अजहर हाशमी ने कहा कुछ लोग राह दिखाते हैं कुछ राह बनाते हैं परंतु भाटीजी मंजिल तक पहुंचाने वालों में शामिल हैं। वे गंगा की तरह निर्मल, समुद्र की तरह गहरे और हिमालय की तरह ऊंचे विचारों वाले व्यक्तित्व थे। शिक्षाविद मुरलीधर चांदनीवाला ने कहा श्री भाटी, उनके द्वारा दिए गए संस्कार के रूप में हम सभी में जीवित हैं। श्री भाटी की प्रशासनिक क्षमता और सख्त अनुशासनप्रियता बताते हुए डॉ. देवकीनंदन पचौरी ने कहा यमराजजी जब आए होंगे तो उन्होंने भी भाटीजी से पहले अनुमति ली होगी। संघ प्रचारक बालमुकुंद झा ने कहा प्रचारक काल में वे एक तूफानी नेतृत्व के रूप में ख्यात थे। आरएसएस के जिला कार्यवाह दशरथ पाटीदार ने कहा भाटीजी ने देश और समाज के लिए संघर्षपूर्ण जीवन जीना सिखाया है। भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र पाण्डेय ने कहा उनका सोच स्पष्ट था तथा उनके विचारों से हमें जीवनभर प्रेरणा मिली। अधिवक्ता परिषद के प्रकाशराव पंवार ने कहा बोलते वक्त उनके हर शब्द में ज्ञानगंगा और राष्ट्रभाव प्रवाहित होता था। भारतीय ज्योतिष परिषद के बाबूलाल जोशी ने बताया सन 54 में बीमारी के कारण उनका एक फेफड़ा निकाल दिया गया था और इसके बाद भी जीवटता और अपनी इच्छाशक्ति से उन्होंने इतना समय संगठन के लिए दौड़-भाग करते गुजारा। आईएमए के डॉ. के.सी. पाठक ने कहा अपनी अदम्य जिजीविशा तथा इच्छाशक्ति के चलते व्याधि बाधाओं को पार कर वे कई बार बीमारी के बाद भी उठ खड़े हुए।
इन्होंने भी किया संबोधित
शोकसभा में आरएसएस के उौन विभाग व्यवस्था प्रमुख विजय केवलिया, जिला संघचालक राधेश्याम खण्डेलवाल, विहिप के संजीव जैन, संजीव गुप्ता, निगम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल, सेवाभारती के शरद फाटक, ग्राम भारती के मानदातार सिंह, विद्याभारती के विरेंद्र वाफगांवकर, मीसाबंदी संघ के महेंद्र नाहर, वनवासी कल्याण परिषद के डॉ. उदय यार्दे, भारत विकास परिषद के प्रवीण सोनी, कांग्रेस नेता खुर्शीद अनवर, बाबू भाई काजी, अनिल झालानी, राकेश झालानी, पाठक मंच के दुर्गा शर्मा, प्राकृतिक चिकित्सा परिषद के अनोखीलाल कटारिया, प्रसाद साहित्य मंडल के मार्तण्डराव पंवार, मजदूर संघ के दिलीप मेहता के अलावा नागर ब्राह्मण समाज, राष्ट्रशक्ति संगठन, आर्ट आफ लिविंग, गुर्जर गौड ब्राह्मण सभा, आटो गैरेज एसोसिएशन, सिखवाल समाज, कसेरा समाज, प्रभु प्रेमी संघ के पदाधिकारियों ने भी श्रध्दांजलि अर्पित की।
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