Saturday, April 16, 2011

स्व.भाटी की स्मृति में न्यास का गठन


कालेज का नामकरण स्व.भाटी के नाम पर करने का सुझाव

रतलाम,३१ मार्च । वरिष्ठ शिक्षाविद,साहित्यकार और समाजसेवी स्व.भंवरलाल भाटी का जीवन लक्ष्य को समर्पित जीवन था। उनकी स्मृतियों को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय का नामकरण स्व.श्री भाटी के नाम पर रखे जाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। यह बात स्थानीय बडा रामद्वारा में आयोजित श्रध्दांजलि सभा में वक्ताओं ने कही। इस मौके पर स्व.श्री भाटी की स्मृति में एक न्यास बनाने की घोषणा भी की गई।

समाजसेवी और शिक्षाविद स्व.श्री भाटी के निधन के पश्चात सत्रहवीं के अवसर पर आयोजित श्रध्दांजलि सभा को सम्बोधित करते हुए महन्त श्री गोपालदास जी महाराज ने कहा कि स्व.श्री भाटी का पूरा जीवन सेवा को समर्पित रहा। उन्होने कई क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी और जीवन के अंतिम क्षण तक वे सक्रिय रहे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता बंसीलाल गांधी ने कहा कि स्व.श्री भाटी ने जो भी कार्य किया पूरे समर्पण के साथ किया। एक शिक्षक के रुप में उन्होने अपने छात्रों को पूरे समर्पित भाव से ज्ञान दिया वहीं समाजसेवी के रुप में वे जिस भी संस्था में रहे उन्होने समर्पित होकर कार्य किया। उनका जीवन अनुकरणीय जीवन था। श्री गांधी ने कहा कि स्व.श्री भाटी की स्मृति में न्यास गठित करके हम जो भी सेवाकार्य करेंगे उससे रतलाम की ही प्रतिष्ठा बढेगी। रा.स्व.संघ के श्री माधव काकानी ने इस अवसर पर बताया कि स्व. श्री भाटी की स्मृतियों को चिरस्थाई रखने तथा उनकी इच्छानुसार विभिन्न क्षेत्रों में सेवाकार्यो को गति देने के उद्देश्य से श्रीमती कैलाशदेवी भंवरलाल भाटी न्यास का गठन किया जा रही है। यह न्यास विभिन्न शैक्षणिक,धार्मिक और पारमार्थिक गतिविधियों से जुडे कार्यो को समय समय पर करेगा। पत्रकार तुषार कोठारी ने कहा कि बचपन से लेकर बडे होने तक जीवन में हर जगह स्व.श्री भाटी की शिक्षाओं का असर है। लम्बा समय उनके संसर्ग में गुजारने के बावजूद उनके बहुआयामी जीवन के कई पहलू अनछुए ही रह गए। उनकी स्मृति में गठित न्यास के द्वारा स्व.श्री भाटी के बहुआयामी जीवन के विविध आयामों की जानकारी भी समाज के सामने आ सकेगी। श्री कोठारी ने इस मौके पर स्व.श्री भाटी की स्मृति को चिरस्थाई बनाने के लिए शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय का नामकरण श्री भाटी के नाम पर रखने का सुझाव दिया जिस पर उपस्थित जनसमुदाय ने ध्वनिमत से अपना समर्थन दिया।

जयपुर(भोजपुरा) के प्रख्यात संत शीतलदास जी महाराज ने स्व.भाटी से जुडे अपने संस्मरणों का वर्णन करते हुए बताया कि स्व.श्री भाटी ने उन्हे बहुत कुछ सिखाया है। आज वे जो कुछ भी है उसमें स्व.श्री भाटी का बडा योगदान है। संत श्री भजनदास महाराज ने भी स्व.श्री भाटी को एक संत निरुपित करते हुए कहा कि भले ही उन्होने साधु सन्यासियों जैसे वस्त्र धारण नहीं किए थे लेकिन उनके सेवा कार्य और समाजसेवा साधु पुरुषों जैसी ही थी।

इस अवसर पर श्री बडा रामद्वारा के महन्त श्री गोपालदास जी महाराज ने उपस्थित साधु सन्तों का अभिनन्दन किया,वहीं रामद्वारा में उपस्थित भक्तजनों और नागरिकों की ओर से अभिभाषक घनश्याम लश्करी और माधवदास काकानी ने शाल व श्रीफल भेंट कर महन्त श्री गोपालदास जी का अभिनन्दन किया। रामद्वारा में आयोजित श्रध्दांजलि सभा में भाजपा नेता मनोहर पोरवाल,रवि जैहरी,निर्मल कटारिया,पुष्पराज रामस्नेही समेत विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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