श्रधेय भाटी जी ने कुछ दिनों पूर्व लेखन की अत्याधुनिक तकनीक इन्टरनेट को अपनाते हुए अपना ब्लॉग लिखना शुरू किया था। हम सब की इच्छा थी कि उनकी कविताये आलेख आदि ब्लॉग पर होने से सुरक्षित और सुलभ हो जायेंगे। भाटी सर ने इसे शुरू तो किया लेकिन ब्लॉग पर थोडा सा ही लिखने के बाद वे फिर डायरी में लिखने लगे। तब यह सोचा गया था कि डायरी में लिखने के बाद इस सामग्री को नेट पर डाल दिया जायेगा। पिछले दिनों उन्होंने कई कविताये लिखी.ये कविताये और आलेख आदि नेट पर आते इससे पहले ही वे हम सब को छोड़ कर चले गए। उनके साथ ही एक युग का अंत हो गया। इतिहास,कला,नाटक,संगीत,काव्य,निबंध, वक्तृता ऐसी कोई विधा नहीं थी जिसमे उनका अधिकार नहीं था। १४ मार्च को उनका निधन हुआ और १५ अप्रेल को उनका जन्म दिन था। उनके जाने के एक माह बाद उन्ही के ब्लॉग पर उनकी रचनाओं को उपलब्ध कराने की योजना है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ ले सके।
भाटी सर के जाने के बाद उनसे सम्बंधित समाचार भी इसी ब्लॉग पर रिकार्ड के लिए अंकित किये जा रहे है ।
तुषार कोठारी
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